कामुक आनंद के एक दायरे में, उत्तम प्राच्य सायरन बुलाते हैं, अपनी पोशाक उतारते हैं और कामुक तमाशा देखते हैं। उनके रसीले शरीर आपस में जुड़ते हैं, एक-दूसरे को तपस्या से खोजते हैं, आनंद के उन्माद को प्रज्वलित करते हैं। यह बेलगाम जुनून की रात है, जहाँ दरवाजे पर रुकावटें रहती हैं।