60 के दशक में एक मां की अपनी बेटी की शादी अच्छे से करने की ख्वाहिश तब चकनाचूर हो गई थी, जब वो एक दरिद्र कवि के आगे झुक गई थी.उसकी बहन के पति के साथ एक निषिद्ध संबंध ने वासना और विश्वासघात का बवंडर भड़का दिया था, जिससे परिवार उथल-पुथल में आ गया था.यह जुनून और इच्छा का कालातीत किस्सा है.